पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना। महागठबंधन की सरकार में बिहार के डिप्टी सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआइ ने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद अब उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग तेज हो गई है। सुशील मोदी सहित कई भाजपा नेताओं ने उनके इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, उन्होंने इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया है। अब सबकी नजरें नीतीश पर हैं।
नीतीश कुमार के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए कह सकते हैं कि वे तेजस्वी मामले के तर्कसंगत समाधान की कोशिश करेंगे। अगर वे तेजस्वी को मंत्रिमंडल से हटाने का फैसला करते हैं तो उनके पास सीमित विकल्प हैं। हालांकि, इस्तीफे या बर्खास्तगी की मांग पर राजद के शिवानंद तिवारी ने कहा कि उमा भारती बाबरी विध्वंस मामले में चार्जशीट के बाद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में बनी हुई हैं। तेजस्वी पर तो केवल मुकदमा दर्ज हुआ है।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास तेजस्वी यादव को हटाने की स्थिति में तीन विकल्प हैं। तेजस्वी पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने के बाद नीतीश उनसे इस्तीफा मांग सकते हैं। नीतीश इस बाबत लालू प्रसाद से बात कर तेजस्वी को इस्तीफा के लिए राजी कर सकते हैं। एक आौर विकल्प चार्जशीट के इंतजार का है। नीतीश कुमार फिलहाल उमा भारती के मामले का हवाला देकर तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट का इंतजार कर सकते हैं।
यह है मामला
विदित हो कि शुक्रवार की सुबह सीअीआइ ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के 12 ठिकानों पर छापेमारी की तथा लालू, राबड़ी व तेजस्वी सहित कइ लोगों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया। सीबीआइ के अपर निदेशक राकेश अस्थाना ने बताया कि छापेमारी पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुरग्राम में 12 स्थानों पर की गई।
सीबीआइ ने लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से घंटों पूछताछ की।
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