बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ में मंगलवार को करीब 14 फीट लंबा अजगर निकलने से हड़कंप मच गया। दहशत के बीच किसी तरह छात्रों और यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए अजगर को पकड़कर काबू में किया।
वहीं इस मामले में पुलिस और वन विभाग का नजरिया बेहद शर्मनाक और लापरवाही भरा रहा। सूचना के करीब पांच घंटे बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम को छात्रों और सुरक्षा गार्डो ने अजगर सौंप दिया। जबकि जानकारी दिए जाने के बाद भी आशियाना पुलिस का एक सिपाही तक मौके पर नहीं पहुंच सका।
बताया जा रहा है कि परिसर में स्थित अशोका ब्यॉज हॉस्टल के सामने आज सुबह करीब साढ़े सात बजे बत्तखों की लगातार चिल्लाने की आवाज आने पर छात्र और कर्मचारी /गार्ड वहां पहुंचे तो नजारा देखकर दंग रह गए। लगभग 14 फीट लंबा एक अजगर पानी में बत्तख को निगल रहा था।
कुछ देर के इंतजार के बाद कर्मचारी अमर, इतिहास विभाग में शोध कर रहे बसंत कुमार कन्नौजिया व अन्य छात्र-कर्मचारियों ने हिम्मत जुटाते हुए डंडों की सहायता से अजगर को काबू में किया। जिसके बाद पूरी तरह से निगल चुके बत्तख को अजगर ने उगल दिया, हालांकि तब तक बत्तख की मौत हो चुकी थी।
छात्रों व कर्मचारियों ने भारी-भरकम अजगर को बोरे में भरने के साथ ही इसकी जानकारी वन विभाग व इंस्पेक्टर आशियाना को दी। कई बार फोन करने के बाद दोपहर करीब एक बजे मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी अजगर को लिखा-पढ़ी करने के बाद लेकर चले गए।
यूनिवर्सिटी बनीं सांपों का बसेरा, जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार...
सोमवार को अजगर निकलने के साथ ही वन विभाग, यूनिवर्सिटी प्रशासन व पुलिस का बेहद लापरवाह रवैया सामने आया है। छात्रों का कहना था कि यूनिवर्सिटी परिसर में हाल के दिनों में कई विशालकाय अजगर देखे जा चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन, वन विभाग और पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शोध छात्र बसन्त कनौजिया ने बताया कि आज जो अजगर पकड़ा गया है, उसके दस दिन पहले दिखने पर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गयी थी, लेकिन उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। लापरवाही से नाराज छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय के आधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है, भविष्य में अगर कोई हादसा होता है तो इसके लिए सीधे तौर पर वन विभाग व विश्वविद्यालय के अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे।
नितेश चौधरी
पत्रकार
Post A Comment: