सीकर राजस्थान
पाटन :-पाटनवाटी के आस-पास के दर्जनों गांवों की प्यास बुझाकर हरियाणा तक पानी पहुंचाने वाला 1968 में स्थापित जिले के सबसे बड़े बांधों में शमिल रायपुर-पाटन बांध कि 1 फुट तक चादर चल रही है क्षेत्र में पिछले कई दिनों से एक दिन छोड़ कर हो रही बारिश और बीती रात को10 बजे शुरू हुई जो सुबह आठ बजे तक जारी रही । क्षेत्र में करीब आठ घंटे हुई बरसात के दौरान रायपुर नदी बरसों बाद 5 फीट के वेग से बहने लगी है। बारिश के बाद 16 फीट क्षमता वाले रायपुर पाटन बांध का गेज 16 फीट भरने के बाद 1 फीट चादर चलनी शुरू हो गई। रायपुर बांध से आने वाली नदी हसामपुर छाजा का नांगल होते हुए 8 साल बाद बहने लगी है। बांध में इससे पहले 2010 में पानी देखने को मिला था। वर्षों बाद बांध में पानी आने के बाद बंदे पर देखने वालों की भीड़ जमा हो गई वही किसानों के चेहरे पर रौनक छा गई । बांध में पानी आने से पूरे क्षेत्र का जलस्तर तो बढ़ेगा ही । साथ ही किसानों को अगले 5 साल तक सिंचाई करने के लिए पानी की कमी नहीं रहेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बांध वर्ष 2005 व 2010 में दो बार ही भरा है। वर्ष 2017 में बरसात के दौरान बांध में गेज पर डेढ़ फीट पानी पहुंचा था। इस बांध के भरने से नीमकाथाना व पाटन इलाके में पानी की किल्लत दूर हो सकती है।बांध में एक साथ 324 एमसीएफटी पानी स्टोरेज की क्षमता है। इसकी ऊंचाई 16 फीट तथा 60 वर्ग मील का कैचमेंट एरिया है।
बबलू सिंह यादव आज की सत्ता ब्यूरो चीफ सीकर राजस्थान
पाटन :-पाटनवाटी के आस-पास के दर्जनों गांवों की प्यास बुझाकर हरियाणा तक पानी पहुंचाने वाला 1968 में स्थापित जिले के सबसे बड़े बांधों में शमिल रायपुर-पाटन बांध कि 1 फुट तक चादर चल रही है क्षेत्र में पिछले कई दिनों से एक दिन छोड़ कर हो रही बारिश और बीती रात को10 बजे शुरू हुई जो सुबह आठ बजे तक जारी रही । क्षेत्र में करीब आठ घंटे हुई बरसात के दौरान रायपुर नदी बरसों बाद 5 फीट के वेग से बहने लगी है। बारिश के बाद 16 फीट क्षमता वाले रायपुर पाटन बांध का गेज 16 फीट भरने के बाद 1 फीट चादर चलनी शुरू हो गई। रायपुर बांध से आने वाली नदी हसामपुर छाजा का नांगल होते हुए 8 साल बाद बहने लगी है। बांध में इससे पहले 2010 में पानी देखने को मिला था। वर्षों बाद बांध में पानी आने के बाद बंदे पर देखने वालों की भीड़ जमा हो गई वही किसानों के चेहरे पर रौनक छा गई । बांध में पानी आने से पूरे क्षेत्र का जलस्तर तो बढ़ेगा ही । साथ ही किसानों को अगले 5 साल तक सिंचाई करने के लिए पानी की कमी नहीं रहेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बांध वर्ष 2005 व 2010 में दो बार ही भरा है। वर्ष 2017 में बरसात के दौरान बांध में गेज पर डेढ़ फीट पानी पहुंचा था। इस बांध के भरने से नीमकाथाना व पाटन इलाके में पानी की किल्लत दूर हो सकती है।बांध में एक साथ 324 एमसीएफटी पानी स्टोरेज की क्षमता है। इसकी ऊंचाई 16 फीट तथा 60 वर्ग मील का कैचमेंट एरिया है।
बबलू सिंह यादव आज की सत्ता ब्यूरो चीफ सीकर राजस्थान
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