इंदौर - गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर मध्य प्रदेश  के शिवशंकर मौर्य  का बयान आया की  कुशवाहा मौर्य शाक्य समाज के पूर्वजो का गृह मंत्री ने संसद भवन में अपमान किया सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य को नीच बिरादरी का बताया। कि राजनाथ सिंह मौर्य समाज से माफ़ी मांगे। ठीक से इतिहास पढ़े फिर टिपणी करें।


आज की सत्ता-  देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह  ने संसद भवन में यह बात कही कि चन्द्रगुप्त मौर्य ऊंची जाति के नहीं थे। श्री मौर्य  का कहना है  केंद्र सरकार में ग्रह मंत्री हैं और वक्तव्य भी संसद भवन में दिया गया है। और देश के प्रधानमंत्री चुप बैठे है। इस वक्तव्य की कटु  निन्दा तो की ही जा सकती है।  क्योंकि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का  ऐसा  वक्तव्य उनकी मनुवादी मानसिकता दर्शाती है। साथ ही, यह मांग भी  की जाती है कि कृपया गृहमंत्री जी ऊँची जाति को परिभाषित भी करें।

यह भी स्पष्ट करें कि देश के विधान में ऊँची जाति कहाँ परिभाषित है यह ऊँची जाति कौन हैं और क्यों हैं और इसके उलट नीची जाति कौन हैं और क्यों है?

इस देश में अखंड भारत का सपना महामानव बुध्द ने देखा और अखंड भारत की स्थापना की नींव मौर्य  समाज में जन्मे राष्ट्र के एक परम वीर  नायक एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी महापद्मनंद ने रखी । राष्ट्रनायक चंद्रगुप्त मौर्य ने उस प्रक्रिया को अंतिम परिणीति की सीमा तक पहुँचाया और सम्राट अशोक ने राजनीतिक  रूप से अखंड राष्ट्र को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का स्वरूप प्रदान किया।   

 दुर्भाग्यपूर्ण है कि अखण्ड भारत के महानायकों का अपमान वे कर रहे हैं ,जो राष्ट्रीय अखंडता और अखण्ड भारत का गाना रातदिन गाते हैं और जो ऐसे संवैधानिक पद पर विराजमान हैं , जिनसे विधिक ज्ञान और संजीदगी की अपेक्षा की जाती है।  इनका  राष्ट्रवाद और अखंड भारत का नारा सिर्फ मुखौटा है। असली चेहरा मनुवाद का है।

भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह के दिनांक 20 जुलाई 2018 को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए लोकसभा में मौर्य समाज के संस्थापक प्रथम चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्तमौर्य के विषय मे बोलते हुए जातीय  सूचक शब्दों अपमान जनक  टिप्पड़ी पर मौर्य जाति की नही अखण्ड भारत के निवासियों को अपमानित किया है मौर्य केवल जाति ही नही भारत की अनमोल सांस्क्रतिक पहचान है उन्होने अपने भाषण में चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में कहा था कि वह भेड़ बकरी चराते थे
किसी उच्च जाति के नही थे फिर भी राजा बने उन्हें याद रखना चाहिए था कि आज विश्व पटलयथागत पर गौतमबुद्ध एवं मौर्य काल  के शासक की वजह से भारत की पहचान है न कि राजनाथ जैसे अशोभनीय सोंच रखने वाली की जाति की वजह से स्मरण रहना चाहिए कि विश्व मे भारत की पहचान मौर्य समाज मे चंद्रगुप्तमौर्य एवं तथागत बुद्ध की बजह से है।

देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
बतराम सिंह कुशवाहा
राजू मौर्य
बालकदास कुशवाहा 
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