उरई। जिले की पुलिस ने एक और ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश कर आरोपी को दबोच लिया और एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वास्तव में कानून के हाथ लंबे होते हैं।
डकोर थाना क्षेत्र में राठ रोड पर 20 जून को अलोपीदीन (शताब्दी) कालेज परिसर में खून से लथपथ एक शव बरामद हुआ था। जिसकी बाद में शिनाख्त शहर के मोहल्ला रामनगर झांसी रोड निवासी अमित पुत्र सत्यकुमार सोनी के रूप में हुई थी।
अमित की हत्या करके अलोपीदीन कालेज में कौन उसका शव फेक गया यह एक रहस्य था। जिसको सुलझाना पुलिस के लिए कठिन चुनौती माना जा रहा था। लेकिन पुलिस द्वारा पिछले कुछ महीने से हर मुश्किल केस को खोलने के लिए पूरी गंभीरता से छानबीन करने का जो जज्बा दिखाया जा रहा है उसके सार्थक नतीजे सामने आ रहे हैं। अलोपीदीन कालेज मर्डर केस की छानबीन तार्किक परिणति पर पहुंचने से एक बार फिर इसकी गवाही सामने आई है।
जनपद के पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि 2017 में अमित चोरी के माल को खरीदने के जुर्म में जेल में बंद था। उसी समय रामबाबू विश्वकर्मा और उसकी प्रेमिका भी हत्या के मामले में जेल में थे। इन लोगों के बीच नजदीकी हो गई लेकिन अमित ने जेल से बाहर आने के बाद रामबाबू विश्वकर्मा की प्रेमिका से खुद आंखे लड़ाना शुरू कर दी। इसकी भनक जब रामबाबू को मिली तो वह बौखला गया। रामबाबू ने अमित को घटना के दिन बहाने से बुलाया और नशा कराने के बाद अलोपीदीन कालेज में ले जाकर उसके सिर में लोहे का सब्बल मार दिया। जिससे अमित मौके पर ही ढेर हो गया।
शातिर रामबाबू ने अमित की हत्या के बाद उसका मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया और मौके पर एक ऐसा पत्र डाल गया जिससे दो अन्य लोग उसकी हत्या के लिए जिम्मेदार माने जायें पर उसकी चाल कामयाब न हो पाई।
रिपोर्टर
राजकुमार
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