कन्नौज-विमलेश कुशवाहा
इन्दरगढ़ के गाँव गुंदारा मे छात्रों द्रारा प्रत्येक वर्ष की भांति आज पूर्णिमा के दिन गुरू पूजन कर गुरू दच्छिना कार्यक्रम सुरू किया गया जिसमे सभी छात्रो को गुरू दच्छिना के वारे में एकलव्य की कहानी सुनाई गई किस तरह विश्वामित्र ने एकलव्य से दच्छिना के रूप में उससे उसका दाहिना अंगूठा मांगा तो उसने खुशी से अपना दाहिना अंगूठा गुरू दच्छिना के रूप में दे दिया लेकिन ये सोचने वाली वात है कि गुरू विश्वामित्र ने अंगूठा ही क्यो मांगा क्यो कि वह सवसे वड़ा धनुर धर था विश्वामित्र नही चहते थे कि हमारे शिशय अर्जुन के अलावा कोई वड़ा धनुर धर हो इस लिए उन्होने एकलव्य से उसका अंगूठा मांगा इसके बाद गुरू दच्छिना कार्यक्रम सम्पन्न किया गया जिसमे हसेरन व्लाख प्रमुख उमाशंकर वेरिया पूर्व प्रधान लाख प्रेमनरायन वर्मा चेतराम रावेन्द्र रामचंद्र मूलचन्द्र निरंजन सहित दर्जनों छात
इन्दरगढ़ के गाँव गुंदारा मे छात्रों द्रारा प्रत्येक वर्ष की भांति आज पूर्णिमा के दिन गुरू पूजन कर गुरू दच्छिना कार्यक्रम सुरू किया गया जिसमे सभी छात्रो को गुरू दच्छिना के वारे में एकलव्य की कहानी सुनाई गई किस तरह विश्वामित्र ने एकलव्य से दच्छिना के रूप में उससे उसका दाहिना अंगूठा मांगा तो उसने खुशी से अपना दाहिना अंगूठा गुरू दच्छिना के रूप में दे दिया लेकिन ये सोचने वाली वात है कि गुरू विश्वामित्र ने अंगूठा ही क्यो मांगा क्यो कि वह सवसे वड़ा धनुर धर था विश्वामित्र नही चहते थे कि हमारे शिशय अर्जुन के अलावा कोई वड़ा धनुर धर हो इस लिए उन्होने एकलव्य से उसका अंगूठा मांगा इसके बाद गुरू दच्छिना कार्यक्रम सम्पन्न किया गया जिसमे हसेरन व्लाख प्रमुख उमाशंकर वेरिया पूर्व प्रधान लाख प्रेमनरायन वर्मा चेतराम रावेन्द्र रामचंद्र मूलचन्द्र निरंजन सहित दर्जनों छात
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