कछौना/हरदोई| सरकार नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है।परन्तु स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की उदासीनता व शिथिल कार्यशैली के चलते ग्राम पंचायत बरवा सरसंड के उपग्राम सुख्खीखेड़ा में दो दर्जन से ज्यादा लोग डायरिया से प्रभावित हो गए हैं।जिसमें एक बालिका की मृत्यु भी हो चुकी है।लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई सुध लेना मुनासिब नहीं समझा है।ग्रामीणों ने उपरोक्त पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है।

बताते चलें कि विकास खंड कछौना की ग्राम पंचायत बरवा सरसंड के ग्राम सुख्खीखेड़ा में एक सप्ताह से साफ सफाई के अभाव एवं गंदगी व जलभराव के कारण दो दर्जन से ज्यादा लोग बुखार व डायरिया से प्रभावित हैं।ऐसे ग्रामीण अशिक्षा के कारण गांव व कस्बे के झोलाछाप डाक्टरों से अपना ईलाज कराने को विवश हैं।वहीं आशाबहू को सूचना देने के बाद भी गांव में कोई एएनएम कार्यकत्री व स्वास्थ्य पर्यवेक्षक आज तक नहीं गया है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रभावितों में निम्नलिखित लोग(उम्र सहित) संगम वर्मा(04),अनीता(59),राजेन्द्र पाल(61),पारुल वर्मा(13),बउआ(04),दुर्गापत्नी कन्हईलाल(36),सुशीला(30),रजनीश(20),प्रेमा(03),गोमती(30),अंजू(03),भगवानदीन(64),पारुल(06),छोटू(08) आदि दर्जनों बच्चे, बूढ़े, व महिलाएं गंभीर रूप से डायरिया से ग्रस्त हैं।वहीं दूसरी ओर समुचित ईलाज के अभाव में बीते दिनों विनोद कुमार की तीन वर्षीय बालिका प्रिया की डायरिया के चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी।पूरे गांव में गंदगी व जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है।जिसके कारण यह संक्रामक बीमारी महामारी के रूप में फैल रही है।तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना व स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही व आंखें बंद कर मूकदर्शक बनकर किसी गंभीर घटना के इंतजार में बैठे रहने के कारण इसका खामियाजा गरीब परिवारों को उठाना पड़ रहा है।जिसके कारण उपरोक्त पूरे मामले की शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है।

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