छिंदवाड़ा एमपी ब्यूरो
गोटमार मेले में सुबह से ही जमकर पत्थरबाजी का दौर शुरु हो गया था।
मध्यप्रदेश मे छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में जाम नदी के तट पर सोमवार को एक खूनी परम्परा का निर्वाह किया गया। इसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई जबकि 300 से अधिक लहूलुहान हो चुके हैं। पुलिस और प्रशासन दर्शकदीर्घा में बैठा सबकुछ देख रहा।
दरअसर, यहां वर्षों से चली आ रही गोटमार खेल की परम्परा को निभाने के लिए एक बार फिर पोला पर्व के दूसरे दिन सोमवार को जाम नदी के तट पर सुबह दस बजे से एक-दूसरे पर पत्थर बरसाना शुरू हो गया था। पत्थरबाजी से एक युवक की मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार गम्भीर रूप से घायल युवक को पांढुर्ना अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। शाम चार बजे तक अब तक करीब 300 लोग के लहूलुहान होने की सूचना मिल चुकी थी।
एएसपी कमल मौर्या ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही युवक की मौत के सही कारण का पता चलेगा।आज भी सूरज ढलने तक बहता रहा।
बता दें कि गोटमार मेले में अजीब परम्परा के अनुसार सूरज ढलने तक पत्थरबाजी का खेल चलता रहता है। हालांकि प्रशासन ने इस बार 700 पुलिसकर्मी तैनात करने के साथ स्वास्थ्य विभाग के 120 कर्मचारियों को तैनात किया था, जो घायलों का उपचार करने में जुटे थे।उक्त परम्परा
के अनुसार गोटमार खेल की सुबह ही शुरुआत हो गई है सांवरगांव पक्ष के लोग कावले परिवार के घर से पलाश पेड़ का झंडा लाकर जाम नदी के बीच लगा देते हैं। इसके बाद दिनभर पांढुर्ना पक्ष के लोग इसे तोडऩे का प्रयास करते हैं और सांवरगांव पक्ष के लोग इसे तोडऩे से रोकते हैं। इसी दौरान पत्थबाजी होती है। पिछले वर्षों में करीब 13 खिलाडिय़ों की इस गोटमार मेले में मौत हो चुकी है।
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