बार बार तबादले के खिलाफ साइकल से भोपाल यात्रा
भोपाल ब्यूरो
सागर से साइकिल पर भोपाल पहुंचे चंद्रशेखर रजक नामक शख्स जिसे हम प्यार से चंदू रजक कहते हैं सागर सीएमएचओ कार्यालय में भृत्य हैं। अपने लगातार तबादलों से भीतर से आहत है। इनके पिता सागर के प्रसिद्ध लोकनर्तक लक्ष्मीनारायण रजक थे जो कानड़ा नृत्य के दुर्लभ कलाकार थे। शासन की ओर से देश विदेश गये शिखर सम्मान तक से पुरस्कृत हुए। साल भर पहले ही तबादलों के इन्हीं सिलसिलों के बीच चंदू अपने परिवार पर ध्यान नहीं दे सके और उनके युवा बेटे को कुछ साहूकारों ने कर्ज के जाल में फंसा लिया जिसके नतीजे में चकराघाट पर तालाब में कूद कर उसे जान देना पड़ी। यह समय चंदू का वह कठिन समय है जिसमें वह अपने परिवार को कर्ज और दुख से उबार रहे हैं।...ऐसे में उसके लिए एक और तबादले का मतलब शायद खुदकुशी का पैगाम ही है। लेकिन जिद्दी अफसर, निष्ठुर प्रशासन चंदू की व्हिसिलब्लोअर जैसी छवि और कामों से खफा हैं और उनकी सक्रियता को लोकतांत्रिक ढंग से नहीं ले पा रहे।...इनमें से कोई उसके घर जाकर उसके पिता की सेवाओं की तस्वीरें और ट्राफियां देख ले तो ही उसे जिले से बाहर हकालने का खयाल छोड़ देगा। लाटसाहबो कृपया सहानुभूति बरतिए।
कुछ देर पहले चंदू भोपाल के छोला थाने के पास पहुंच चुके थे।
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