मेडिकल स्टोर के बहाने चल रहे फर्जी क्लीनिक,
500 से अधिक फर्जी डाक्टरों ने पसारे पैर,आधा दर्जन स्थानों पर बिना परमिशन के नर्सिंग होम,समानांतर अस्पताल भी संचालित!
स्वास्थ्य एंव पुलिस विभाग की खामोशी पर उठ रहे सवालिया निशान . .
सीहोर डेस्क
बिना डिग्री के डाक्टर इन क्लीनिकों का खुलेआम संचालन कर भोलेभाले ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साँथ खिलवाड़ कर रहे हैं।शासन की तरफ से गांवों मे स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं मिल पाने के कारण भी झोलछाप डाक्टर कुकुरमुत्तों की तरफ ऊग आए हैं। शासन की निगाह से बचने के लिए फर्जी डाक्टरों ने अब नया तरीका इज़ात कर लिया है अब वे मेडिकल स्टोर के पीछे दबेछिपे क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं। जिसका पता हर किसी को नहीं चल सकता। मीडिया पाइंट की टीम द्वारा तहकीकात करने पर वीरपुर डेम मे एक मेडिकल स्टोर के पीछे दूसरे कमरे मे एक फर्जी चिकित्सक मरीज़ों का इलाज करता पाया गया इसने बकायदा मरीजों को एडमिट भी कर रखा था जिसे हमने केमरे मे कैद किया। इसी गांव मे एक अन्य फर्जी चिकित्सक भी मरीजों घर के कमरे मे एडमिट कर इलाज कर रहा था। यही नहीं इछावर ब्लाक के वीरपुर डेम,ब्रिजिशनगर,बोरदी कला,रामनगर गांव मे ही करीब एक-एक दर्जन फर्जी डाक्टर अवैध रुप से जानलेवा इलाज का करोबार फैलाए हुए हैं यही स्थिति सीहोर जिला मुख्यालय के आष्टा,नसरुल्लागंज,रेहटी,बुदनी,श्यामपुर ब्लाक की है। जिला मुख्यालय सीहोर तो जैसे झोलाछापों का अड्डा बन गया है यहाँ दूसरे प्रांतों से आकर फर्जी मोबाइल क्लीनिके चलाई जा रही है जिसकी भनक तक अधिकारियों को नहीं है। इछावर ब्लाक के भाऊँखेड़ी, ब्रिजिशनगर,बोरदीकलां,नादान,रामनगर,दीवड़िया,अमलाह,धामंदा,सेमलीजदीद,इछावर,दुदलाई,आर्या,दौलतपुर,खेरी आदि गांव हैं जहाँ शासन की आँख मे मीर्ची झोंक कर समानांतर अस्पताल, नर्सिंग होम चलाए जा रहे हैं। लेकिन शासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता क्योंकि इनके रसूकदार फर्जी चिकित्सक राजनैतिक रुप से भी काफी असरदार बताए जाते हैं। बताते हैं कि 18 वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग जिले के सभी ब्लाकों मे देढ़ सौ से अधिक अवैध क्लीनिकों को चिंहित कर लिस्ट पुलिस विभाग को सौंपी थी लेकिन पुलिस आजतक भी इक्का दुक्का को छोड़ किसी भी फर्जी डाक्टर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पायी यह सबसे बड़े आश्चर्य का विषय है। विभागीय लापरवाही का फायदा नीमहकीम खतरा-ए-जान उठाते रहे और जिले के चप्पे चप्पे पर छा गए। अब नतीजा यह है कि सीहोर जिले मे मुख्यालय सहित 500 से अधिक फर्जी क्लीनिक बेरोकटौक संचालित हो रही हैं। और इन्हें रोकने वाले विभाग मौन हैं। ग्रामीण बताते हैं कि अब तो यह भी पता ही नहीं चलता कि भोलेभाले ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के पीछे झोलाछाप, पुलिस या स्वास्थ्य विभाग इन तीनों मे से असली दोषी कौन है।
टीम बनाकर करेंगे कार्रवाई
इस संबंध मे मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डा प्रभाकर तिवारी सीहोर से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान मे लाया गया है विभाग कल ही टीम गठित कर जाँच कराएगा दोषी पाए गए गैरमान्यता प्राप्त क्लीनिकों को सील किया जाएगा।फर्जी चिकित्सकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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