प्रत्याशी/अभ्यर्थी द्वारा भरे जाने वाले नामांकन के
प्रारूप-26 (शपथ-पत्र) में उच्चतम न्यायालय ने किया संशोधन
सीहोर
आगामी विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिये राजनैतिक दल के प्रत्याशी/अभ्यर्थी द्वारा नामांकन के साथ भरे जाने वाले प्रारूप-26 (शपथ-पत्र) में उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधन किया गया है। अभ्यर्थी के विरूद्व यदि कोई आपराधिक प्रकरण लंबित है तो उसकी सूचना आवश्यक रूप से बडे एवं स्पष्ट शब्दों में देनी होगी एवं संबंधित राजनैतिक दल जिससे अभ्यर्थी टिकिट ले रहा/रही है को भी सूचना देना आवश्यक होगा। संबंधित राजनैतिक दल ऐसे अभ्यर्थी जिन पर पूर्व में आपराधिक प्रकरण रहे है कि जानकारी भी अनिवार्य रूप से अपनी बेवसाईट पर डालने के लिये बाध्य है।अभ्यर्थी और संबंधित राजनैतिक दल ऐसे अभ्यर्थी जिन पर पूर्व में आपराधिक प्रकरण रहे है के बारे में अपने क्षेत्र में व्यापक रूप से वितरित होने वाले समाचार पत्रों में कम से कम 12 के फोण्ट आकार में उचित स्थान पर एक घोषणा जारी करने के साथ ही इस संबंध में इलेक्ट्रानिक मीडिया में व्यापक प्रचार-प्रसार करना आवश्यक होगा। नाम निर्देशन पत्र भरे जाने के उपरांत मतदान दिवस के 2 दिन पहले तक कम से कम 3 बार घोषणा पत्र का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना अनिवार्य है।
अभ्यर्थी, जिला निर्वाचान अधिकारी को अपने निवार्चन व्यय लेखा के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां जमा करेगें जिन में इस संबंध में उनकी घोषणा प्रकाशित की गई थी। प्रारूप-26 में विधि एवं न्याय मंत्रालय की अधिसूचना संख्या – एच-11019(4)/2018-विधायी-II , 10 अक्टूबर 2018 के तहत संशोधन कर दिया गया है।
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