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एक दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा. . . .
जोश और अनुभव के बीच इछावर मे हो सकता त्रिकोणीय मुकाबला,
बुदनी मे शिवराज के खिलाफ आधा-अधुरा मन,
सीहोर मे समीकरण उलझे,
आष्टा मे कानाफुसी का दौर,
राजेश शर्मा, सीहोर
भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही सीहोर जिले की चारों सीहोर , इछावर , बुदनी एंव आष्टा विधानसभा की स्थिति भी स्पष्ट हो गई है। बुदनी सीट पर प्रथम द्रष्टिया भाजपा को छोड़ सभी प्रत्याशी आधे अधुरे मन से लड़ाई लड़ने मैदान मे उतरने वाले हैं यहाँ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लोग अपने विश्वास के दायरे मे खड़ा किए हुए हैं लेकिन कांग्रेस के घेराव की राजनीति पर ही सबकुछ निर्भर करता है। शिवराज के खिलाफ कांग्रेस कौन सा प्रत्याशी मैदान मे उतारती है और अन्य शिवराज विरोधियों को कितना एकजुट कर पाती है इसी बात पर प्रत्याशियों के हार-जीत का अंतर जा टिका है।
इछावर विधानसभा सीट पर सन् 2013 की तर्ज पर चुनाव होंगे यहाँ जोश एंव अनुभव के बीच ही मुकाबला होगा लेकिन अंतर सिर्फ़ इतना है की अब त्रिकोणीय मुकाबला होने के पूरे-पूरे आसार दिखाई देने लगे है भाजपा ने पिछले पराजित प्रत्याशित करणसिंह वर्मा को ही फिर से उम्मीदवार घोषित किया है वे पिछले चुनाव मे कांटे की टक्कर मे कांग्रेस के शैलेन्द्र पटेल से हार गए थे। समझा जा रहा है कि इसबार भी उनका मुकाबला शैलेन्द्र पटेल से ही होगा लेकिन भाजपा के युवा नेता डा अजय पटेल के बागी स्वर ने भाजपा के लिए पहले ही दिन से मुसीबतें खड़ी करना शुरु
कर दी है वे बागी प्रत्याशी के रुप मे चुनाव लड़े या नहीं लड़े लेकिन उनके बगावती तेवरों ने भाजपा के एकजुटीय गुब्बारे मे पिन चुभोने का काम जरुर किया है।
भाजपा से टिकट की चाह रखने वाले कुछ भाजपा नेता भी प्रत्याशी घोषणा के बाद इछावर विधानसभा मे अपने स्वर को मो रफी के इस पुराने लोकप्रिय गीत के स्वर से मिलाने लगे हैं कि " एक दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा . . . . .
कौन सा, कौन का, कितना टुकड़ा कहाँ गिरा फिलहाल यह अभी अन्दर की बात है।
सीहोर सीट पर भाजपा-कांग्रेस मे सीधी टक्कर नहीं होगी यह बात टिकट वितरण के पहले ही दिन उस वक्त स्पष्ट हो गई जब कद्दावर सहकारी नेता रमेश सक्सेना ने सीहोर से विधानसभा चुनाव लड़ने की दहाड़ मार दी वहीं भाजपा के घरानेदार नेता गौरव सन्नी ने भी अपने नज़रअंदाज को गंभीरतापूर्वक लेते जनता की विशेष फरमाईश पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
सीहोर सीट पर चुनाव के दौरान कई कोण जगह बनाने लगे हैं जो भाजपा को पुनर्विचार के लिए विवश भी कर सकते हैं।
बुदनी की तरह आष्टा मे भी किसी के बागी स्वर तो सुनाई नहीं दिए लेकिन कानाफूसी जरुर शुरु हो गई है समझा जा रहा है कि यहाँ कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के बाद ही चुनावी समीकरण तय होंगे। क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने भी शैलेष वैद्य को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुनावी मैदान मे उतार दिया है। फिलहाल आष्टा विधानसभा क्षेत्र कानाफुसी के दौर से गुजर रहा है।
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