हेलमेट की परवाह किए बगैर कलेक्टर बाइक पर बैठ पहुंचे गांव, खेत में बन रहे तालाब का करना था निरीक्षण
बेैतूल, एमपी मीडिया पाइंट
वैसे तो कलेक्टर का मोटरसाइकिल पर घूमना कोई बड़ी खबर नहीं है लेकिन यह बड़ी खबर तब हो जाती है जब वो किसी काम के निरीक्षण के लिए हर हाल में जाने को तैयार हों कुछ ऐसे ही हैं नवांगत कलेक्टर बैतूल तरूण पिथोडे..।..और गांव वही फोफल्या..जहां कभी मुख्यमंत्री का रथ भी फंसा था। लेकिन इस बार कलेक्टर को उस खेत तक जाना था जहां तालाब बन रहा था। कार नहीं जा सकती थी तो वो पैदल जाने को तैयार थे लेकिन गांव की ही सरपंच का पति बाइक लेकर आ गया तो वह हेलमेट की परवाह किए बगैर उस पर सवार होकर चल दिए।जो खबर मिली उसके अनुसार कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े ने जिले में आगामी दिनों में ज्यादा से ज्यादा पानी संरक्षित करने के उद्देश्य से जिले के प्रत्येक खेत में एक तालाब बनाने का बीड़ा उठाया है। वे सतत् अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को तालाब बनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दे रहे हैं।
बुधवार जब श्री पिथोड़े शाहपुर विकासखण्ड के ग्राम फोफल्या के दौरे पर पहुंचे और पता लगा कि यहां किसान अपने खेतों में तालाबों का निर्माण कार्य करवा रहे हैं, उन्होंने तालाब निर्माण देखने की इच्छा प्रकट की। कलेक्टर का चार पहिया वाहन खेत तक जाना संभव नहीं था। श्री पिथोड़े ने तत्काल अपने चार पहिया वाहन को छोड़ गांव में उपलब्ध मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर खेत तक सवारी की और खेत तालाब देखा। श्री पिथोड़े के अनुसार उक्त तालाब का निर्माण कार्य संतोषजनक पाया गया।
इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाईश दी कि वे अपने खेतों में अधिक से अधिक तालाबों का निर्माण करें, ताकि आगामी दिनों में अवर्षा या अल्पवर्षा की स्थिति में उन्हें खेती के लिए पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। तालाबों के बनने से गांवों का भी भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा तथा पेयजल संकट की स्थिति भी निर्मित नहीं होगी। कलेक्टर ने इस क्षेत्र के ग्राम डाबरी एवं फोफल्या में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत लिए जा रहे आवेदन फार्मों की भी ग्रामीणों से जानकारी ली। ग्रामीणों से चर्चा में पाया कि उनको योजना के बारे में भली भांति जानकारी है।
कलेक्टर ने कहा कि जो पात्र किसान आवेदन भरने से छूट गए हैं, उनके फार्म भी तत्परता से भरवाए जाएं। ग्रामीणों से पेयजल की स्थिति की भी जानकारी उन्होंने ली। पेयजल संकट की स्थिति फिलहाल गांव में नहीं मिली। गांव में स्कूल, आंगनबाड़ी के नियमित खुलने, राशन मिलने, पेंशन राशि का वितरण इत्यादि विषयों पर भी कलेक्टर द्वारा ग्रामीणों से चर्चा की गई। व्यवस्थाओं को संतोषजनक पाया गया। भ्रमण के दौरान सीईओ जिला पंचायत क्षितिज कुमार सिंहल भी उनके साथ थे।
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