बक्सर के पंडितपुर गांव में मोटरसाइकिल लगाने को ले हुए विवाद में मारपीट 70 वर्षीय वृद्ध का फटा सिर
वर्चस्व दिखाने में 70 वर्षीय वृद्ध पर कुछ लोगों ने किया हमला, वृद्ध का सिर फटा चल रहा इलाज
राजन मिश्रा /गणेश पांडे
5 मई 2019
5 मई 2019
बक्सर- बक्सर के मुफस्सिल थाना अंतर्गत आनेवाले पंडितपुर गांव में जो यहाँ मुख्यालय से लगभग ६-७ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां बीते शुक्रवार को दो पक्षों के बीच तब विवाद हो गया जब एक पक्ष द्वारा सार्वजनिक सड़क पर थोड़ी देर के लिए मोटरसाइकिल लगाया गया और दूसरे पक्ष द्वारा यह कहा जाने लगा की यह सड़क हमारी है और इस सड़क पर तुम्हारी गाड़ी नहीं लगेगी इसी बात को लेकर बीते शुक्रवार को सुबह लगभग 7:00 बजे संतोष कुमार पांडे पिता- गोपाल पांडे निवासी- ग्राम -पंडित पुर थाना- मुफसिल जिला बक्सर को उनके बगल में ही रहने वाले मंगरु पंडित, साहेब पंडित, सुनील पंडित और मिथिलेश पंडित द्वारा भला बुरा कहा जाने लगा, जिसके बाद संतोष कुमार पांडे अपने मोटरसाइकिल पर अपने पिता सहित बच्चों को स्कूल छोड़ने जाने लगे जहां जाने के क्रम में इनके घर से कुछ ही दूर पर इन्हें विपक्षी पार्टियों द्वारा घेर लिया गया और इन लोगों पर लाठी- डंडों से हमला किया जाने लगा जिसमें गोपाल पांडे जिनकी उम्र लगभग 70 साल है इनके सिर पर गंभीर चोटे आई और सिर फट गया खून से लथपथ यह अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों द्वारा इनका इलाज भी किया गया जिसके बाद थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई. इस मामले पर संतोष कुमार पांडे ने बताया कि झगड़े के समय देशी कट्टे से इनके पिता के सिर पर वार किया गया जिससे वह बेहोश हो गए इसी दौरान इनके पॉकेट से 3500 रुपया भी निकाल लिया गया जो यह बच्चो की फीस देने के लिए ले जा रहे थे. वहीं मारामारी में संतोष कुमार पांडे के गले से एक सोने का लॉकेट जो महावीर जी का था वह भी विपक्षियों द्वारा ले लिया गया वही इन्होने यह भी बताया कि विपछियो द्वारा आज शनिवार को भी अहले सुबह धमकी दी गई और कहा गया की थाना- पुलिस कुछ नहीं करेगा हमलोग कानून को पॉकेट में रखते है इनलोगो के इस वक्तव्य से गोपाल पांडेय और इनके घरवाले काफी भयभीत थे उसी बीच मुफ्फसिल थाने के अधिकारियो के पहुंचने के बाद इनलोगो ने राहत की साँस ली, वही पुलिस के लोगो ने भी तफसीस शुरू कर मामले की तह तक पहुंचने में लगे है।
गौरतलब हो कि इस मामले पर दोनों ओर से प्राथमिकी दर्ज हुई है विपक्षी लोगों द्वारा भी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी हैरतअंगेज बात यह है कि चुनावी माहौल में जहा पुलिस की चुस्ती पहले से बहुत अधिक बढ़ी है बावजूद इसके मन बढंत लोगों द्वारा किसी बुजुर्ग व्यक्ति को इतना बुरी तरह से मारा जाना कहां तक कानूनप्रिय है,वही आज गोपाल पांडेय जिनका उम्र लगभग 70 वर्ष है इनकी नाजुक स्थिति देखते हुए उच्च संस्थान में जाने के लिए सदर अस्पताल द्वारा रेफर कर दिया गया है अत्यधिक चोट की वजह से इनका मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं लग रहा है जिसके इलाज़ में इनके लोग व्यस्त भी है अब आगे यह देखना है कि मानवता को ध्यान में रखते हुए पुलिस की कार्रवाई किस तरफ जाती है और चोटिल बुजुर्ग को कैसे न्याय मिलता है, यह मामला अब कोर्ट में है जिससे न्याय की आशा भी है
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