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पूर्व मध्य रेल में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित
‘दिनकर’ हमारे गौरव, ‘दिनकर’ एक पैगाम हैं.
राजन मिश्रा /गणेश पांडेय
हाजीपुर-23.09.2019,
‘दिनकर’ हमारे गौरव, ‘दिनकर’ एक पैगाम हैं. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ सिर्फ वीर रस के कवि ही नहीं, श्रृंगार रस के महत्वपूर्ण कवि भी हैं. वे एक साथ जनकवि हैं तो राष्ट्रकवि भी हैं.ऐसा सौभाग्य बहुत कम कवियों को मिलता है. ‘दिनकर’ ऐसे सौभाग्यशाली कवि हैं. ‘दिनकर’ का साहित्य हमें देश के लिए मर मिटने का हमेशा पैगाम देता रहेगा. इनकी कविताएँ किसी अनपढ किसान को उतनी ही पसंद है जितने एक शोधार्थी को. ये बातें रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जयंती के अवसर पर महाप्रबंधक श्री एल. सी. त्रिवेदी ने कही. उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेल ने “दिनकर”जी की स्मृतियों को संरक्षित रखने के लिए उनके जन्म स्थान सिमरिया स्टेशन का नामबदलकर “दिनकर ग्राम सिमरिया” रखा है. इसके अलावा पूर्व मध्य रेल स्थित मुगलसराय मंडल के अंतर्गत गया स्टेशन पर स्थित हिंदी पुस्तकालय का नाम रामधारी सिंह “दिनकर” पुस्तकालय रखा गया है. साथ ही मोकामा और गढ़हरा स्टेशनों पर स्थित हिंदी पुस्तकालयों का नाम “दिनकर” के नाम पर रखा गया है. धनबाद मंडल के अंतर्गत बरकाकाना स्थित हिंदी पुस्तकालय का नामकरण भी ‘दिनकर’ जी के नाम पर किया गया है. इसके पहले रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के तस्वीर पर महाप्रबंधक एवं सभी विभागाध्यक्ष द्वारा माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई. इस कार्यक्रम में प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक श्री सलील कुमार झा ने अपने बीज वक्तव्य में बोलते हुए रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के जीवन एवं साहित्य के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया. उन्होंने ‘दिनकर’ पर लिखी बालकृष्ण वैरागी की कविता भी सुनाई. श्री झा ने ‘दिनकर’ के अमर काव्य ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ से अपनी ओजपूर्ण वाणी में कई सर्गों का पाठ किया. गंभीर विश्लेषण से परिपूर्ण अपने वक्तव्य में श्री झा ने ‘दिनकर’ को जानने-समझने की एक नई दृष्टि प्रदान की.वरि. गीतकार श्री द्वारिका राय ‘सुबोध’ ने ‘दिनकर’ के जीवन साहित्य एवं उसकी प्रासंगिकता पर विस्तारपूर्वक अपनी बातें रखीं और कई रोचक प्रसंगों का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि ‘दिनकर’ का जीवन किस प्रकार चुनौतियों से भरा हुआ था. उन्होंने बताया कि अहिंदी भाषियों के बीच ‘दिनकर’ हिंदी के सभी कवियों से ज्यादा लोकप्रिय थे. मुख्यालय/हाजीपुर के इंजीनियरी विभाग में कार्यरत श्री चंदन नवीन ने ‘दिनकर’ की कविताओं का पाठ कर सभी को भाव-विभोर कर दिया. इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी भारी संख्या में उपस्थित थे. इस सफल कार्यक्रम का संचालन उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/पीएस श्री दिलीप कुमार ने किया.इन तमाम तथ्यों की जानकारी मुख्य जनसम्पर्क पदाधिकारी राजेश कुमार द्वारा दी गई
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