किसानों के लिए कृषि इनपुट अनुदान की राशि भेजी जा रही है- सुशील मोदी
असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 578.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गई है।
राजन मिश्रा
30 अप्रैल 2020
पटना- इस समय कोरोनावायरस से उपजे महामारी के दौरान बिहार सरकार लगातार लोगों की मदद के साथ साथ किसानों के बारे में भी सोचते हुए इन को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है इसी कड़ी में बुधवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक ओर जहां राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लाकडाउन के दौरान गरीबों के राहत पैकेज पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ फरवरी और मार्च महीने में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 578.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी है।
वही लाकडाउन के कारण मार्च महीने में हुई फसल क्षति का आवेदन देने से वंचितों के लिए आनलाइन आवेदन की तिथि 04-11 मई तक बढ़ा दी गई है। अप्रैल महीने में हुई क्षति की जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के उपरांत अनुदान देने का सरकार शीघ्र निर्णय लेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि 4-6 व 13-15 मार्च को राज्य के 23 जिलों के 196 प्रखंडों में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि व आंधी आदि से 3,84,016.71 हे. में लगी फसल की क्षति की रिपोर्ट जिला पदाधिकारियों से मिली है। स्वीकृत 1,13,017 आवेदकों को कृषि इनपुट अनुदान देने के लिए सरकार राशि भेज रही हैं। जो किसान 18 अप्रैल तक आवेदन नहीं दे सकें थे, उनके लिए 04 से लेकर 11 मई तक तिथि बढ़ा दी गई है। इसी प्रकार 23 से 26 फरवरी के बीच राज्य के 11 जिलों में असमय वर्षा,ओलापात आदि से 31929.35 हे. में लगी फसलों की क्षति की प्रतिपूर्ति के लिए भी 60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 578.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गई है।
राजन मिश्रा
30 अप्रैल 2020
पटना- इस समय कोरोनावायरस से उपजे महामारी के दौरान बिहार सरकार लगातार लोगों की मदद के साथ साथ किसानों के बारे में भी सोचते हुए इन को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है इसी कड़ी में बुधवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक ओर जहां राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जारी लाकडाउन के दौरान गरीबों के राहत पैकेज पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ फरवरी और मार्च महीने में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 578.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी है।
वही लाकडाउन के कारण मार्च महीने में हुई फसल क्षति का आवेदन देने से वंचितों के लिए आनलाइन आवेदन की तिथि 04-11 मई तक बढ़ा दी गई है। अप्रैल महीने में हुई क्षति की जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के उपरांत अनुदान देने का सरकार शीघ्र निर्णय लेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि 4-6 व 13-15 मार्च को राज्य के 23 जिलों के 196 प्रखंडों में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि व आंधी आदि से 3,84,016.71 हे. में लगी फसल की क्षति की रिपोर्ट जिला पदाधिकारियों से मिली है। स्वीकृत 1,13,017 आवेदकों को कृषि इनपुट अनुदान देने के लिए सरकार राशि भेज रही हैं। जो किसान 18 अप्रैल तक आवेदन नहीं दे सकें थे, उनके लिए 04 से लेकर 11 मई तक तिथि बढ़ा दी गई है। इसी प्रकार 23 से 26 फरवरी के बीच राज्य के 11 जिलों में असमय वर्षा,ओलापात आदि से 31929.35 हे. में लगी फसलों की क्षति की प्रतिपूर्ति के लिए भी 60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
अप्रैल महीने में अलग-अलग तिथियों में विभिन्न जिलों में हुई वर्षा, ओलापात आदि से फसलों की क्षति की रिपोर्ट के आलोक में कृषि इनपुट अनुदान देने पर सरकार शीघ्र निर्णय करेगी।ज्ञातव्य है कि 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान होने की स्थिति में प्रति हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये और सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपये का कृषि इनपुट अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए देय है।
गौरतलब हो कि सरकार द्वारा किसानों के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन महामारी के साथ साथ प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी लगातार किसान परेशान चल रहे हैं आने वाले समय में वैश्विक महामारी के साथ ओलावृष्टि असमय बरसात आंधी तूफान और वज्रपात से ग्रसित किसानों को समस्याओं का सामना अगले कई दिनों तक करना पड़ेगा हालांकि सरकार द्वारा दिया जा रहा अनुदान किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है
गौरतलब हो कि सरकार द्वारा किसानों के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन महामारी के साथ साथ प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी लगातार किसान परेशान चल रहे हैं आने वाले समय में वैश्विक महामारी के साथ ओलावृष्टि असमय बरसात आंधी तूफान और वज्रपात से ग्रसित किसानों को समस्याओं का सामना अगले कई दिनों तक करना पड़ेगा हालांकि सरकार द्वारा दिया जा रहा अनुदान किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है
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