बिहार में नियमित सरकारी कर्मियों को मार्च-अप्रैल का होगा भुगतान - सुशील मोदी


संविदा पर कार्य कर रहे स्वास्थ्य विभाग के लोगों को जो कोविड-19 में अपना योगदान दिए हैं 5000000 के बीमा सहित एक माह का अतिरिक्त वेतन देना चाहिए जिसे भारत सरकार द्वारा  कहा गया था 

राजन मिश्रा /अरविंद पाठक 
3 मई 2020

पटना - कोरोना वायरस से उपजे वैश्विक महामारी  के कारण हुए लॉक दाम को लेकर  कई लोग अपने घरों में बंद है  वैसे मैं कुछ सरकारी लोग भी  किसी कारणों से अनुपस्थित चल रहे हैं  इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा  बड़ा कदम उठाते हुए  यह फैसला लिया गया है कि इन लोगों का मार्च और अप्रैल माह का वेतन  का भुगतान किया जाएगा इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 से लागू लाकडाउन की अवधि में किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए मार्च-अप्रैल के उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया गया है। संविदा व आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को भी लाकडाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है।
श्री मोदी ने कहा कि वैसे कर्मी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, को 03 मई तक उपस्थिति से छूट दी गई है। अतः ऐसे कर्मी लाकडाउन की अवधि में उपस्थित माने जायेंगे। इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और 24 मार्च से लाकडाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर रहे कर्मियों को भी उपस्थित माना जायेगा।
वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत करा कर लाकडाउन से पहले बाहर गए और अचानक लाकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने से अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी कर्तव्य पर उपस्थित माना जायेगा। मगर बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लाकडाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जायेगा।
वही, लाकडाउन अवधि में अपने निर्घारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हो, को वेतन का भुगतान किया जायेगा
गौरतलब हो कि भारत सरकार द्वारा यह भी घोषणा किया गया था कि जो लोग वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तहत कार्य कर रहे हैं उन लोगों को 1 माह का अतिरिक्त वेतन और ₹5000000 का बीमा भी कराया जाएगा ऐसे में सरकारी तौर पर कार्यरत लोगों के साथ-साथ बहुत से संविदा कर्मी भी जो स्वास्थ्य विभाग में कार्य करते हैं इस दायरे में आते हैं सरकार को अविलंब इन लोगों के बारे में सोचते हुए इन दोनों व्यवस्थाओं को दे देना चाहिए क्योंकि यह वही संविदा कर्मी है जो रात रात भर जाकर रेलवे स्टेशन पर वही अस्पतालों में बैठकर लोगों के स्क्रीनिंग का कार्य अपनी जान को जोखिम में डालकर किए हुए हैं ऐसे लोगों के विषय में सरकार को त्वरित कार्रवाई करते हुए इनको लाभ पहुंचाना चाहिए

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