शिक्षकों का भुगतान और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के 3 महीनों की फीस को माफ करने के संदर्भ में निजी विद्यालयों को सरकार द्वारा निर्देशित करना हो चुका है आवश्यक, अभिभावक पर संचालक बना रहे दबाव फीस नहीं दिए जाने पर बच्चों का स्कूल से नाम काटने की दे रहे धमकी
वैश्विक महामारी के कारण निजी विद्यालय में काम करने वाले शिक्षकों और इनमें पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना सरकार को करना होगा व्यवस्था, कई शिक्षक भुखमरी के कगार पर , विद्यालय संचालक उगाही के फेर में - भरत मिश्रा
राजन मिश्रा
4 मई 2020
पटना- बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के राज्य सलाहकार समिति के सदस्य श्री भरत मिश्रा ने निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों और इनमें पढ़ने वाले बच्चों को लेकर सरकार से यह मांग किए हैं कि निजी विद्यालयों को इनमें कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों का मूल वेतन के भुगतान और पढ़ने वाले बच्चों के 3 माह की फीस को माफ करने का दिशा निर्देश जारी किया जाए क्योंकि लॉक डाउन में सभी लोग परेशान हैं और इस लॉक डाउन में सबसे ज्यादा वह लोग परेशान हैं जो लोग एक निश्चित राशि पर कहीं पूरे महीने काम करते हैं और जब इस पर भी रोक लग जाता है तो यह लोग भुखमरी के कगार पर पहुंचने को विवश हो जाते हैं.
एक विशेष वार्ता में भरत मिश्रा ने बताया कि पूर्व में बिहार सरकार द्वारा भी निजी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है बावजूद इसके कई जिलों से ऐसी खबरें मिल रही है की सरकारी दिशानिर्देशों को ताक पर रखकर निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा शिक्षकों का वेतन बाधित किया गया है वहीं अपने अन्य कर्मचारियों को भी वेतन देने में आनाकानी की जा रही है वही इनमें पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों पर हर महीने की फीस देने का दबाव भी बनाया जा रहा है इसके लिए विद्यालय संचालकों द्वारा अभिभावकों के मोबाइल पर फीस देने का मैसेज लगातार दिया जा रहा है और फीस जमा नहीं होने की सूरत में इन के बच्चों का नाम स्कूल से काट दिए दिए जाने की धमकी भी दी जा रही है, जो सीधे तौर पर सरकार के आदेशों की अवमानना है, ऐसे में इन लोगों पर सरकार को कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया गया या नहीं और इनको मूल वेतन दिलाने की व्यवस्था करने के साथ ही इनमें पढ़ने वाले बच्चों के फीस को कम से कम 3 महीने का स्कूल फीस माफ कराने की व्यवस्था बनानी चाहिए और संबंधित दिशा निर्देश को बिहार के सभी 38 जिलों मैं भेजते हुए तमाम निजी विद्यालयों के संचालकों से इस संबंध में अद्यतन रिपोर्ट लगा लेनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की निजी विद्यालयों के कर्मचारियों और इनमें पढ़ने वाले बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी के कारण सरकार पर बहुत दबाव है बावजूद इसके बिहार सरकार इस महामारी से लगातार लड़ाई लड़ रही है और अधिक से अधिक लोगों को बचाने के प्रयास में भी है उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन का जो मार्ग चुना गया है वह मार्ग पूरे देश में मॉडल के रूप में आने वाले समय में देखा जा सकेगा क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महामारी के दौरान सभी वर्ग के लोगों के बारे में बराबर सोच रखने की कोशिश की गई है और अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य भी किया गया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महामारी के अलावा प्राकृतिक आपदा के दौरान भी बहुत से लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य त्वरित रूप से किया गया है वहीं अब बिहार से कोरोना को भगाने के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासियों के रोजी-रोटी की व्यवस्था को सुनिश्चित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है इनके स्किल को जांच करते हुए इनको काम देने की कवायद शुरू की जा चुकी है जो बिहार की जनता के लिए बहुत बड़ा तोहफा है उन्होंने यह भी बताया कि बिहार सरकार द्वारा सभी प्रवासियों को रोजगार देने को ले बड़े-बड़े उद्योगपतियों से भी तालमेल बनाया जा रहा है ताकि भारी मात्रा में लोगों को रोजगार की व्यवस्था की जा सके और राज्य की आर्थिक गतिविधियों को भी तेज किया जा सके
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