सरकार ने उन 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया जो भारत की संप्रभुता एवं अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए नुकसानदेह हैं
राजन मिश्रा/गणेश पांडे
30 जून 2020
30 जून 2020
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत दी गई सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने की प्रक्रिया एवं सुरक्षा उपाय) नियम 2009 के संबंधित प्रावधानों के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए और खतरों की उभरती प्रकृति को देखते हुए 59 ऐप्स (परिशिष्ट देखें) को ब्लॉक करने का निर्णय लिया है क्योंकि उपलब्ध जानकारी के मद्देनजर ये उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए नुकसानदेह हैं।
तकनीकी प्रगति और डिजिटल दुनिया में एक प्राथमिक बाजार के मामले में भारत पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत एक प्रमुख नवप्रर्वतक के रूप में उभरा है।
ठीक उसी समय डेटा सुरक्षा से संबंधित पहलुओं और 130 करोड़ भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिए चिंताएं बढ़ गई हैं। हाल ही में गौर किया गया है कि इस तरह की चिंताओं से हमारे देश की संप्रभुता और सुरक्षा को भी खतरा है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से तमाम शिकायतें मिली हैं जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कई मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट शामिल हैं। उनका दुरुपयोग चोरी करने के लिए और उपयोगकर्ताओं के डेटा को अनधिकृत तरीके से उन सर्वरों पर प्रसारित करने में किया जा रहा है जो भारत के बाहर स्थित हैं। इन आंकड़ों का संकलन और इनकी माइनिंग एवं प्रोफाइलिंग उन तत्वों द्वारा किया जा रहा है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिए खतरनाक हैं। इस प्रकार उसका प्रभाव अंततः भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए नुकसानदेह है। यह काफी गंभीर मामला और तत्काल चिंता का विषय है जिसके लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने भी इन दुर्भावनापूर्ण ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए एक व्यापक सिफारिश भेजी है। इस मंत्रालय को कुछ ऐप के संचालन के संबंध में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए जोखिम के बारे में नागरिकों की चिंताओं को जाहिर करने वाली कई प्रस्तुतियां भी मिली हैं। कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आईएन) को सार्वजनिक व्यवस्था संबंधी मुद्दों पर डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता के उल्लंघन के बारे में नागरिकों से कई प्रस्तुतियां मिली हैं। इसी प्रकार संसद के बाहर और भीतर दोनों जगह विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया और इसी तरह की चिंताएं जताई गई हैं। हमारे नागरिकों की निजता के साथ- साथ भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले ऐप के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए एक व्यापक जन भावना उमड़ रही है।
इनके आधार पर और हाल में प्राप्त विश्वसनीय इनपुट से पता चलता है कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसलिए भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए गए कुछ ऐप के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। ये ऐप संलग्न परिशिष्ट में दिए गए हैं।
यह कदम करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा एवं संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक लक्षित कदम है। इन तमाम तथ्यों की जानकारी पीआईबी के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी की गई
परिशिष्ट
|
|
Post A Comment: