बक्सर में नारी सशक्तिकरण विषय पर एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
राजन मिश्रा 20 जुलाई 2023
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार राष्ट्रीय महिला आयोग की सहायता से आज दिनांक 20 जुलाई 2023 को कार्यालय भवन, विधिक सेवा सदन, बक्सर में नारी सशक्तिकरण विषय पर एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बक्सर महिला थाना, अध्यक्ष कंचन कुमारी, पैनल अधिवक्ता रीमा कुमारी एवं कंचन कुमारी, श्री विवेक राय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पैनल अधिवक्ता चंद्रकला वर्मा ने कहा कि आज के इस परिवेश में हम लोगों को अपने देश की वीरांगनाओं एवं चर्चित महिला जिन्होंने देश के विकाश में हर क्षेत्र में कार्य किया है उनसे प्रेरणा लेकर हम लोगों को आगे कार्य करना है। वहीं पैनल अधिवक्ता आरती राय ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिला को शिक्षित कर एक सशक्त समाज का निर्माण करना। यदि हम अपने घर की एक महिला को शिक्षित करते हैं तो वह दो परिवारों के बीच सेतु का कार्य कर करती है। जिससे कि हमारा समाज शिक्षित होता है और आगे बढ़ता है। कार्यक्रम में अपने संबोधन में उपस्थित लोगो को जागरूक करते हुए विवेक राय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर ने कहा कि मैंने जब से इस जिला प्राधिकार का कार्यभार ग्रहण किया है तब से लेकर वर्तमान समय तक मैंने यही समझा है कि जिला प्राधिकार का मुख्य कार्य है आम जनमानस को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करना। हमारे संविधान में अनुच्छेद 39a में यह कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह गरीब हो, लाचार हो, महिला हो, अल्प वेतन पाने वाला कोई कामगार, श्रमिक, भारत का कोई नागरिक वह मुफ्त विधिक सहायता पाने का अधिकारी है। अपने संबोधन में आगे उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण लोगों में और समुदायों में स्वायत्तता और आत्मनिर्णय के स्तर को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए उपायों का एक सेट है। ताकि वे अपने स्वयं के अधिकार पर कार्य करने के लिए एक जिम्मेदार और स्व-निर्धारित तरीके से अपने हितों का प्रतिनिधित्व कर सकें। किसी व्यक्ति, समुदाय या संगठन की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षिक, लैंगिक, या आध्यात्मिक शक्ति में सुधार को सशक्तिकरण कहा जाता है। सशक्तिकरण अभियान के रूप में आत्म-सशक्तिकरण की प्रक्रिया और लोगों के पेशेवर समर्थन दोनों को संदर्भित करता है, जो उन्हें शक्तिहीनता और प्रभाव की कमी की भावना को दूर करने और अपने संसाधनों को पहचानने और उपयोग करने में सक्षम बनाता है। यह मजबूत और अधिक आत्मविश्वास बनने की प्रक्रिया है,जो विशेष रूप से किसी के जीवन को नियंत्रित करने और किसी के अधिकारों का दावा करने के लिए किया जाता है । अगर हम महिला सशक्तीकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित करे तो कहा जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है। जिससे वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तीकरण है। इसमें ऐसी ताकत है कि वह समाज और देश में बहुत कुछ बदल सके।
महिला सशक्तीकरण के लिए दिए गए अधिकार:
समान वेतन का अधिकार - समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता |
कार्य-स्थल में उत्पीड़न के खिलाफ कानून - यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत आपको वर्किंग प्लेस पर हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का पूरा हक है। केंद्र सरकार ने भी महिला कर्मचारियों के लिए नए नियम लागू किए हैं। जिसके तहत वर्किंग प्लेस पर यौन शोषण के शिकायत दर्ज होने पर महिलाओं को जांच लंबित रहने तक 90 दिन का पैड लीव दी जाएगी।
कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार - भारत के हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह एक महिला को उसके मूल अधिकार ‘जीने के अधिकार’ का अनुभव करने दें। गर्भाधान और प्रसव से पूर्व पहचान करने की तकनीक लिंग चयन पर रोक अधिनियम (PCPNDT) कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार देता है।
संपत्ति पर अधिकार - हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत नए नियमों के आधार पर पुश्तैनी संपत्ति पर महिला और पुरुष दोनों का बराबर हक है।
गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार - किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए।
महिला सशक्तीकरण - महिलाओं का पारिवारिक बंधनों से मुक्त होकर अपने और अपने देश के बारे में सोचने की क्षमता का विकास होना ही महिला सशक्तीकरण कहलाता है
महिला श्रेष्ठता - समाज में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए क्योंकि आज के समय में महिला हर क्षेत्र में आगे है। चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर खेल के क्षेत्र में हमें अपने महिलाओं को सशक्त बनाना होगा। जिससे हमारा समाज देश सशक्त बन सके। मौके पर रिसोर्स पर्सन के तौर पर कंचन कुमारी साथ ही रीमा कुमारी ने उपस्थित सभी पैनल अधिवक्ता, आंगनबाड़ी सेविका, महिला शिक्षक, पारा विधिक स्वयंसेविका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आशा कार्यकर्ता, को महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मौके पर पैनल अधिवक्ता मधु कुमारी, कुमारी रिंकी, महिला शिक्षिका अंजू कुमारी, अनिता यादव, सुनीता प्रजापति, मधु देवी, आंगनबाड़ी सेविका सूर्यवंशी देवी, अनीता देवी, रिंकी कुमारी, रागिनी देवी, मालती कुमारी, कुमारी साधना, अनीता राज, उषा देवी, सुनीता सिंह, अनीता गुप्ता पारा विधिक स्वयंसेविका अंशु देवी, रुकैया, प्रीति कुमारी पैनल अधिवक्ता नीलम कुमारी, संगीता कुमारी आदि उपस्थित रहे।
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