मृत्यु दर को कम करने के लिए सिविल सर्जन ने दिए गुणवत्तापूर्ण जांच के आदेश 


राजन मिश्रा / अरविंद पाठक, 8 मार्च 2024 


बक्सर - है जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। जिसको लेकर प्रसव पूर्व जांच के लिए आयोजित की जाने वाली शिविरों में गुणवत्तापूर्ण जांच करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए निर्देश जारी किए हैं।

जांच के दौरान राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशों के आलोक में 9 और 21 मार्च को सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सभी गर्भवती महिलाओं का गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के दौरान जटिल प्रसव (उच्च जोखिम वाले प्रसव) के मामलों की लाइन लिस्ट प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान (पीएमएसएमए) के पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। ताकि, उनकी ट्रैकिंग कर सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सके। मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए, उच्च जोखिम की गर्भवती महिलाओं का सही समय पर चिह्नित किया जाना बेहद आवश्यक है। जिससे इन गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। उच्च जोखिम वाली महिलाओं की न्यूनतम 4 जांचों के साथ 3 अतिरिक्त जांचे भी की जाती हैं। जिनमें से न्यूनतम एक जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाती है।

उच्च जोखिम के मामलों का विशेष ध्यान रखा जाना महत्वपूर्ण :

सिविल सर्जन के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि प्रसव पूर्व जांच के दौरान उच्च जोखिम के मामलों को समय रहते चिह्नित कर उनका विशेष ध्यान रखा जाना महत्वपूर्ण है। ताकि, प्रसव के समय उचित कदम उठाते हुए जच्चा व बच्चा को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में एनीमिया, गर्भावस्था जनित उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था जनित डायबिटीज, पूर्व में ऑपरेशन द्वारा प्रसव इत्यादि लक्षण होने पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी के रूप में चिन्हित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं परामर्श की सेवाएं प्रदान की जाती है। शिविर में विशेषज्ञीय चिकित्सकीय परामर्श के साथ हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्यूमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी, हेपेटाइटिस, ओरल ग्लूकोज टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस की जांच की जाती है। चिकित्सकीय परामर्श अनुसार सोनोग्राफी एवं थायराइड की जांच भी की जाती है।

प्रखंडों में पर्यवेक्षण करने के लिए अधिकारियों को दिया टास्क :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पीएमएसएमए के तहत 9 व 21 मार्च को आयोजित होने वाले एएनसी शिविरों का सख्त अनुश्रवण किया जाएगा। इसके लिए सिविल सर्जन ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों को प्रखंड स्तर पर पर्यवेक्षण का टास्क दिया है। जिसके तहत जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ब्रह्मपुर, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ईटाढ़ी व चौसा, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डुमराव व नावानगर, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी सिमरी व चक्की, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सदर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र, जिला अनुश्रवण एवं मुल्यांकन पदाधिकारी चौगाई, जिला योजना समन्वयक राजपुर तथा जिला सामुदायिक उत्प्रेरक केसठ प्रखंड में पर्यवेक्षण करेंगे।

गौरतलब हो कि स्वास्थ्य विभाग में कई तरीकों से योजना बनाकर कार्य किया जाता है लेकिन कहीं-कहीं अस्पताल में कार्यरत अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ रहा है जिस पर स्वास्थ्य विभाग के एलाधिकारियों को प्रकाश डालना चाहिए और अल्प वेतन भोगी संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि मानसिक रूप से प्रताड़ित होने वाले कर्मचारी मानसिक रूप से शांत होकर अस्पताल में जनता की सेवा कर सकें

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