अपने नस्लों और पीढ़ियों के लिए जागना होगा- क्षत्रिय समाज
एस.एन.श्याम, 13 मार्च 2024
अयोध्या-बीजेपी के संघियों ने क्षत्रिय राजपूतों को खुश करने के लिए श्री महाराणा प्रताप को पकड़ा रखा है लेकिन मिहिरभोज-पृथ्वीराज चौहान आदि जैसे महापुरुषों के नाम पर लड़ाते हैं क्योंकि लड़ाओ और राज करो इन पाखंडियों की नीति है। इन्हें दूसरी जातियों से लड़ाने के लिए रिजर्व रखा गया है, अपने समाज के लोगों को तो लॉलीपॉप चूसने की आदत पड़ गई है, इसलिए शायद इन संघी से कभी सवाल नहीं करते हैं
क्षत्रिय चार दशकों से एक ही पार्टी का झंडा उठाने का नतीजा ये है कि हमारा स्वर्णिम इतिहास चोरी होने लगा, हमारे खिलाफ कानून बनाया गया, हमारे साथ लगातार अत्याचार हो रहे हैं और हमारे क्षत्रिय समाज के नेता राजनीतिक रूप से भी षड्यंत्र रचकर क्षत्रिय नेताओं को किनारे किया जा रहा है कानपुर क्षत्रिय चंदेल राजाओं के ऐतिहासिक ठाकुर रामलालजी महराज मंदिर की लगभग ५००० एकड़ भूमि को संघियों ने कब्जा कर लिया है एवं मुस्लिमों की आवादी भी बसायी है जिसका विरोध करने वाले ठाकुर शिवकुमार सिंह पर हरिजन एक्ट एवं रंगदारी जैसे फर्जी मुकदमे लगवाया| ठाकुर धनंजय सिंह की तरह क्षत्रियों को गुलामी से बचना होगा अपने और आने वाली नस्लों के भविष्य के लिए गंभीरता से विचार करना होगा व चिंतन मनन करना होगा और इस वक्त कठोर निर्णय लेने की सख्त जरूरत है
अब जिस पार्टी को हमारी जरूरत नहीं हमको भी उनकी जरूरत नहीं होनी चाहिए।
वैसे भी श्री राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या से क्षत्रियों का सफाया हो चुका है अभी तो धनंजय सिंह का नम्बर आया है। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल में डाल दिया गया है। अभी देखिए कितने और जेल में जाते हैं जो भाजपा की गोदी में बैठा है वे सब एक दूध के धुले हैं जो भाजपा से बाहर है या तो भाजपा उसे ठिकाने लगा देगी या फिर इसी तरह जेल में भेजा जाएगा।
अभी भी वक्त है जागिए और जागरूक बनिए अपने लिए ना सही कम से कम अपनी आने वाली नस्लों व पीढ़ियों के लिए तो जागिए लिखना जानते हैं तो लिखिए बोलना जानते हैं तो बोलिए और अगर कुछ भी नहीं कर सकते हैं तो आप लोग कम से कम जो लोग लिख बोल रहे हैं उनकी कम से कम आप लोग हौसला-अफजाई तो कर ही दिया कीजिए।
यह सिर्फ आप लोग टांग पकड़ कर खींचना ही जानते हैं। ये कब तक चलता रहेगा। कम से कम एक बार चिंतन तो कीजिए।
जय मां शक्ति भवानी क्षत्रिय राजपूत ठाकुरों जलवा कायम रहे क्षत्रिय राजपूत ठाकुरों का
एक क्षत्रिय चिंतक
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