रंगों का त्योहार, खादी के संग मनाएगा बिहार

पटना के खादी मॉल में बच्चों, व्यस्क एवं महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक ट्रेंडी ड्रेस उपलब्ध

मंदिर के फूलों से तैयार ईको-फ्रेंडली गुलाल से त्वचा की रंगत रहेगी बरकरार


रिपोर्ट- अनमोल कुमार/ राजन मिश्रा ,18 मार्च 2024

पटना- आगामी होली को लेकर पूर्वी गांधी मैदान स्थित खादी मॉल,पटना पूरी तरह से सजकर तैयार है। इस बार ‘रंगों का त्योहार,खादी के संग मनाएगा बिहार’ थीम पर पूरे खादी मॉल को सजाया गया है। होली के विशेष अवसर पर खादी मॉल में बच्चों, व्यस्क एवं महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक ट्रेंडी ड्रेस उपलब्ध है जिसपर 30 प्रतिशत की भारी छूट भी मिल रही है। 


इस सम्बंध में बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि खादी के कपड़े हमेशा से होली के परंपरागत पोशाक रहे हैं। खादी की ड्राई होने की गुणवत्ता की वजह से सदियों से लोग होली पर खादी के कपड़े पहनते आ रहे हैं। होली के विशेष थीम पर इस बार रंगीन खादी के परिधान और हस्तनिर्मित वस्तुओं का खादी मॉल में भरमार है। पुरुषों के लिए फैशनेबल कुर्ता-पजामा, तो महिलाओं के लिए चिकनकारी कुर्ती और हैंडलूम साड़ियां भी उपलब्ध है। उन्होंने आगे कहा कि उनका उद्देश्य होली पर वर्षों से चली आ रही खादी वस्त्र पहनने की परंपरा को जीवंत रखना और नागरिकों को ईको-फ़्रेंड्ली होली मनाने के प्रति जागरुक करना है। 

दिव्यांगों ने मंदिर परिसर में उपलब्ध फूलों से बनाया हर्बल गुलाल

होली को ध्यान में रखते हुए खादी मॉल में ईको-फ्रेंडली टी24 हर्बल गुलाल भी उपलब्ध है। इस हर्बल गुलाल को टी24 डिसेबिलिटी फ़ाउंडेशन, कंकड़बाग़ के दिव्यांग सदस्यों ने मंदिर परिसर में उपलब्ध फूलों से तैयार किया है। इस गुलाल में नेचुरल खुशबू है। हर्बल गुलाल होने के कारण त्वचा की रंगत को भी बरकरार रखेगा। इस हर्बल गुलाल की ख़ास बात यह है कि इसके निर्माण की प्रक्रिया के कारण यह पर्यावरण अनुकूल है। इसके अलावा ग्रामीण उद्योग के तहत निर्मित मिठाइयां, लड्डू और अन्य सूखा नाश्ता भी बिक्री हेतु उपलब्ध है। अब ग्राहक कपड़ों से लेकर खाने की सामग्री तक सब एक छत के नीचे ही ख़रीद सकते हैं। 

खादी वस्त्रों के बिना अधूरा है होली का त्योहार

खादी मॉल में खादी कपड़ों की खरीदारी करने आए एक निजी कंपनी के कार्यकारी अधिकारी प्रणव शर्मा ने कहा कि होली खादी के कपड़ों के बिना अधूरा है। होली पर खादी के कपड़े पहनना मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि एक समझदार चयन भी है। देश के सभी लोगों को खादी वस्त्र ही धारण करना चाहिए, क्योंकि खादी कपड़ों में आराम महसूस होता है। उन्होंने बताया कि इस बार वह कुर्ता खरीदने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के अंत में एक बार फिर अपने पूरे परिवार के साथ कपड़ों की खरीदारी करने खादी मॉल आएंगे।

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