चिलचिलाती धूप में खादी गमछा बना लोगों की पहली पसंद
रिपोर्ट - अनमोल कुमार/राजन मिश्रा
पटना - अप्रैल महीने में ही भीषण गर्मी पड़ रही है। लू के थपेड़ों से जीवन बदहाल है। चिलचिलाती धूप में बाहर न निकलने की सलाह डाॅक्टरों द्वारा दी गई है। फिर भी अनेक लोग ऐसे हैं जिन्हें किसी न किसी जरूरी काम से धूप में घर से बाहर निकलना पड़ता है। ऐसे लोगों की पहली पसंद खादी का गमछा बना हुआ है। बिहार खादी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि खादी प्राकृतिक रेशों से बना होता है जिसकी कताई और बुनाई हस्त चालित मशीनों से की जाती है। गर्मी में खादी विशेष राहत देता है। इसलिए यह लोगों की पहली पसंद बन रहा है। खादी माॅल के प्रबंधक रमेश चैधरी ने बताया कि खादी माॅल में खादी का सबसे छोटा गमछा मात्र 30 रूपये में उपलब्ध है। उससे बड़े गमछे की कीमत 40 रूपये और उससे बड़े गमछे की कीमत 50 रूपये है। दो गज की लम्बाई वाले गमछे की कीमत 70 रूपये है। इसके अलावा 150 रूपये, 280 रूपये और 350 रूपये मूल्य तक के गमछे खादी माॅल में बिक्री के उपलब्ध है। सभी वर्ग के लोग अपनी आवश्यकता के हिसाब से गमछा खरीद रहे हैं। लेकिन ज्यादा मांग 50 रूपये और 70 रूपये वाले गमछे की है। लोगों को सबसे ज्यादा उजले रंग का गमछा पसंद आ रहा है। खादी माॅल में आये एक ग्राहक अमरीश आनन्द ने बताया कि गमछा बिहार की शान है और हर बिहारी की विशेष पहचान भी है। खादी माॅल में इतना सस्ता गमछा मिलेगा इसकी उम्मीद नहीं थी। मैंने 50 रूपये की कीमत वाले दो गमछे खरीदे हैं। खादी के कपड़े बहुत ही आरामदायक होते हैं। पूरी गर्मी हमलोग खादी के वस्त्र ही पहनते हैं।
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