मनोपैथी : संकल्प और रंग


विशेष रिपोर्ट - अनमोल कुमार / राजन मिश्रा 

मनुष्य के मस्तिष्क  में 69 आन्तरिक बल जो भाव और विचार निकलते हैं  वह भिन्न  भिन्न  रंग लिये होते हैं । 


-जो मनुष्य अत्यंत आवेश अर्थात गुस्से वाले होते हैं  उनके मस्तिष्क  से निकलने वाली किरणें  लाल  रंग की  होती हैं  ।

परोपकारी मनुष्य की किरने   गुलाबी रंग की होती हैं  ।

यश की कामना वाले मानव की  किरने नारंगी  रंग  की होती हैं ।

गहरे विचारकों की किरणें गहरे नीलें रंग की होती हैं   ।

कला प्रेमियों की किरने पीले रंग की होती हैं  ।

उदासी में किरणें धूमिल  होती हैं 

नीच विचार वालो की किरणें  मैली होती हैं ।

भगत और  अच्छे  विचारों वाले  मनुष्यों की किरने हल्की नीले रंग की होती हैं ।

उन्नति शील मनुष्यों की किरणें हल्की हरे रंग की होती हैं ।

बीमार मनुष्यों की किरने गहरे हरे रंग की होती हैं  ।

जब विचार  दिमाग से बाहर निकलते हैं  और उनके पीछे जो हमारा   भाव व  इच्छा होती है  वह विचार  वैसा  ही रुप बना लेता है ।

गुस्सा करते समय अगर सोचते हैं  इस को आग लगा दूँ तो विचारो में अग्नि का गोला  बन जाता  है ।अब अगर किसी पर अंगारा  फेंके तो क्या होगा, जलेगा  ही ना, सुनने वाला जलन महसूस करेगा ।

कई  बार किसी की बात चुभ जाती है इस का कारण यह है कि वह व्यक्ति सोच  रहा है कि  इसे चाकू मार दूँ तो उसके संकल्प  चाकू  या कील का रुप धारण  कर लेता है और सुनने वाले को उसके  वह शब्द चुभ जाते हैं । चाहे वह कितना  ही मीठा  बोल रहा हो ।

कई  बार हम  अनजाने  में दुख अनुभव करने लगते हैं  या घुटन महसूस होती है । इस का कारण यह है  कि कहीं कोई व्यक्ति हमारे से निराश है ऐसी स्थिति में उसके विचार  धुएँ का रुप धारण  कर लेते हैं   और सूक्ष्म में सचमुच हमारे  चारो तरफ़ धुआँ  हो जाता है, धुएँ से बेचैनी होती है । धुएँ से साँस लेने में भी दिक्कत  होती है । जब साँस घुटेगा तो बेचैनी ही होती  है ।

अगर  प्यार से  किसी को फूल देना  चाहते हैं  तो संकल्पों का फूल बन जायेगी  । अगर आप उसका फोटो लें सके तो फूल वातावरण में जाते  हुए दिखेंगे ।

एक औरत अपने मरे हुए बच्चे को याद कर के रो रही थी । उसका फोटो लिय गया उसने मरे बच्चे को उठा  रखा  था  ।

मन में जिस के बारे हम सोचते हैं उसी का  चित्र सचमुच हमारे मस्तिष्क से बाहर जाने लगता है । 

इस लिये मन में हर समय शांति, प्रेम, सुख, आनंद, दया भाव, खुशी का भाव  रखने से आप से हर समय भिन्न  भिन्न  फ़ूलॊ या अन्य मनमोहक तरंगे निकलती रहेगी । आप तो सदा खुश रहेंगे ही दूसरे जो भी सम्पर्क में आयेंगे वह भी मालामाल हो  जायेगें

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