शिक्षा और दीक्षा दोनों से होगा समाज का उद्धार:- ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी



रिपोर्ट - अनमोल कुमार/राजन मिश्रा 


गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री क्लासेस राघोपुर के डायरेक्टर भ्राता मुकुल अग्रवाल के द्वारा ब्रह्माकुमारिज संस्थान सिमराही बाजार के परमात्म अनुभूति संग्रहालय के प्रांगण में  वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया और सभी धर्म गुरुओं एवं शिक्षकों को सम्मानित किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजयोगिनी  ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी जी को विशेष सम्मानित किया गया। 


इस अवसर पर राजयोगिनी बबीता दीदी जी ने कहा कि मनुष्य की प्रथम गुरु मां होती है, तत्पश्चात परिवार एवं समाज से वह सीखता है ।और जब बच्चा बड़ा होकर स्कूल में प्रवेश करता है तब शिक्षक उसको उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं जीवन पर्यंत मनुष्य को गुरु का मार्गदर्शन किसी न किसी रूप में आवश्यक है।जैसे कि हम सभी जानते हैं हमारा भारत देश एक भावना प्रधान देश है यहां की संस्कृति है कि जहां से भी हमें कुछ भी सीखने को मिलता है अथवा हमें किसी से कुछ भी प्राप्ति होती है तो हम उसे देवता अथवा  गुरु की नजर से देखते या पूजने लगते हैं । लेकिन अच्छे शिक्षक या गुरु को योग्य शिष्य का होना आवश्यक है।

आज समाज में गुरु तो अनेक है परंतु सतगुरु केवल एक परमात्मा है । उसी प्रकार शिक्षक अनेक है परंतु परम शिक्षक केवल एक परमात्मा है। यदि मनुष्य उस सर्वोच्च शिक्षक अथवा सतगुरु की शरण में जाता है तो निश्चित रूप से वह आंतरिक संपन्नता का अनुभव करता एवं उसका सर्वांगीण विकास होता है 

परंतु सीखने के लिए हमें कई बार झुकना पड़ता है सहन करना पड़ता है त्याग करना पड़ता है । यदि यह प्रवृत्ति आज सभी विद्यार्थियों में आ जाए तो निश्चित रूप से वह  जीवन में सफल हो सकते है ।


इसी अवसर पर ब्रह्माकुमारिज संस्थान के भ्राता ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी  ने कहा कि शिक्षा एवं दीक्षा दोनों ही जीवन में आवश्यक है शिक्षा से हमें विषय अथवा भौतिकी विषय का ज्ञान होता है जब कि दीक्षा अर्थात धर्म से चरित्र निर्माण का ज्ञान प्राप्त होता है। इन दोनों के प्रयास से ही  बेहतर समाज का निर्माण संभव है।  हमारा समाज ऋणी है शिक्षकों एवं धर्म गुरुओं का जो  शिक्षा और दीक्षा देने का पुण्य कार्य कर रहे हैं शिक्षा एवं दीक्षा के माध्यम से समाज को दिशा दे रहे हैं एवं आज आगे ले जा रहे हैं उन्होंने आज के इस पावन अवसर पर सभी शिक्षकों को एवं धर्म गुरुओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

इस मौके पर आयोजक श्री क्लासेस के डायरेक्टर भ्राता मुकुल अग्रवाल जी ने वृक्षारोपण के महत्व बताते हुए कहा कि वृक्षारोपण यानी वृक्ष लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है। पेड़-पौधों के माध्यम से प्रकृति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है। पेड़-पौधे हमें छाया प्रदान करते हैं। पेड़-पौधे हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा है। पेड़-पौधों के बिना मनुष्य ही नहीं बल्कि किसी भी प्राणी का जीवन् संभव नहीं है। हम अपनी सुविधा और प्रगृति के नाम पर लगातार पेड़ों की अंधाधुंध कुटाई टाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते पर्यावरण में वृक्षों की कमी होती जा रही है। वृक्षों की कटाई करने से भूमि बंजर होती जा रही है।

पेड़ लगाए जीवन बचाएं

मौके पर ब्रह्माकुमारी बिना बहन, पूजा बहन, पूनम देवी, हरि नारायण भाई, ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी, दुर्गा कुमारी, सत्यनारायण भाई इत्यादि सैकड़ों स्टूडेंट्स उपस्थित थे।

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