सुभाष गुप्ता की पुस्तक अनवरत इश्क का लोकार्पण



रिपोर्ट -अनमोल कुमार/अरबिंद पाठक 

भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष गुप्ता अपने विशाल अनुभव और गहरी संवेदना के साथ जब अपने मनकी परतें खोलते हैं,तो उसमें जीवन के विभिन्न रंग पूर्ण सौंदर्य के साथ दिखाई पड़ते हैं । उर्मिल प्रशासन द्वारा प्रकाशित सुभाष गुप्ता की तीसरी पुस्तक अनवरत इश्क में भी जीवन के विविध आयामों से जुड़े अलग-अलग रंग समाहित हैं। इंडिया इंटरनेशनल एनेक्स में आयोजित लोकार्पण समारोह में प्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री यश गुलाटी ने पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि कवि सुभाष गुप्ता का ओहदा चाहे जिस भी आकर का हो उनके कवि और कृतित्व का आकार काफी बड़ा है। उनकी लेखनी में ताकत है कि वह हर व्यक्ति के आंसू को पोछ सके। उनकी लेखनी अनवरत चलती रहेगी ऐसा हम सब का विश्वास है। मुख्य वक्ता वरिष्ठ कवि प्रताप सोमवंशी ने कहा कि सुभाष गुप्ता का कवि मन बड़ा ही मौलिक है। यह कवि कलंदर बनना चाहता है। महीनों में नवंबर बनना चाहता है जो पूरे साल का दुख समेट सके। सिकंदर भी बनना चाहता है जो दूसरों का दिल जीत सके।कवि सवाल पूछता है,जवाब सुझाता है और अंत में चलते-चलते उम्मीद की डगर पर ही अपना पाँव रखता है।

लोकार्पण समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के संयुक्त सचिव और लेखक सौरव तिवारी मौजूद रहे। चर्चित कवि और दैनिक हिंदुस्तान के प्रबंध संपादक प्रताप सोमवंशी ने मुख्य वक्ता के रूप में अनवरत इश्क की विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया कार्यक्रम की अध्यक्षता आलोचक और चिंतक प्रोफेसर अनिल राय ने की। अर्पण कुमार ने चुनी हुई रचनाओं का पाठ किया जबकि कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार हुसैन रिजवी ने किया। राहुल झा,नीरज सिंह,प्रवीण ठाकुर और सुरेंद्र राउत ने कार्यक्रम का संयोजन किया जबकि शंभू झा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का आयोजन उर्मिल फाउंडेशन द्वारा किया गया।

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